

आज हम बात करेंगे एक आम लेकिन गंभीर बीमारी पीलिया की। पीलिया कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक लक्षण (symptom) है जो शरीर में बिलिरुबिन (Bilirubin) नामक पदार्थ के स्तर के बढ़ने के कारण होता है। जब त्वचा, आँखों का सफेद हिस्सा और नाखून पीले पड़ने लगें, तो इसे पीलिया कहते हैं।
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पीलिया मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है और हर प्रकार का कारण अलग होता है:
1. Pre-hepatic Jaundice (लिवर से पहले का)
2. Hepatic Jaundice (लिवर में समस्या)
3. Post-hepatic / Obstructive Jaundice (लिवर के बाद रुकावट)
पीलिया का निदान कई तरीकों से किया जा सकता है, जिसमें शामिल हैं:
पीलिया को हल्के में न लें। शुरुआत में ही डॉक्टर से जांच करवाएं क्योंकि यह लिवर की गंभीर बीमारी का पहला संकेत हो सकता है।
स्वस्थ रहें, सावधान रहें!
नवजात शिशुओं में पीलिया एक सामान्य चिकित्सीय स्थिति है, जिसे नवजात पीलिया भी कहा जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में, इलाज की आवश्यकता हो सकती है:
पीलिया एक सामान्य से दिखने वाली एक ऐसी चिकित्सीय स्थित है अगर समय पर उसे पर ध्यान नहीं दिया जाए तो वह बहुत ही गंभीर रूप ले सकती है, जिसमें जान भी जाने की संभावना रहती है। सही निदान और उचित उपचार से पीलिया को ठीक किया जा सकता है और इसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीलिया का इलाज सिर्फ डाइट चेंज से नहीं हो सकता है। इस स्थिति के इलाज के लिए डाइट एक सहायक इलाज के विकल्प के तौर पर मदद कर सकता है। पीलिया का सामान्य स्तर लगभग 0.2 – 1.0 mg/dL है। यदि रिपोर्ट में यह स्तर 1.0 mg/dL से ऊपर आ जाए, तो तुरंत परामर्श लें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।
नोट:- Rungta Hospital के पास अच्छे और अनुभवी चिकित्स्कों क़ी टीम है जो आपको ऐसी कंडीशन में सही इलाज और जानकारी देने में आपकी मदद क़र सकती है