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एनल फिशर के कारण, लक्षण और इलाज

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ज़ब व्यक्ति व्यक्ति वाशरूम जाये और हर बार मल मे खून देखने को मिले, गुदा क्षेत्र मे जलन या कटने जैसा दर्द हो तो ये केवल उसके लिए शारीरिक पीड़ा ही नहीं मानसिक पीड़ा का कारण भी बन जाता है, लेकिन आप अकेले नहीं हो ।

इंडिया मे लाखो लोग एनल फिशर जैसी दर्दनाक समस्या का सामना कर रहे है शुरूवात मे ये ज्यादातर कब्ज या मल त्याग करते समय अत्यधिक जोर लगाने से बनती है, लेकिन शुरूवात मे इस पर ध्यान नहीं दिया तो ये गंभीर हो जाति है।

इस ब्लॉग के माध्यम से हम एनल फिशर(Anal Fissure) के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में जानेंगे।

एनल फिशर क्या है? (Anal Fissure in Hindi)

ज़ब आप एनल फिशर का नाम सुनते है तो आपके दिमाग में पहला सवाल आता होगा कि होता क्या है तो आपको बता दे  एनल फिशर गुदा  के अंदर त्वचा मे एक छोटा कट होता है जो मल त्याग करते समय जोर लगाने से उत्पन्न हो जाते है 

कुछ स्थितियो मे ये कट अपने आप ठीक हो जाते है लेकिन ज्यादा समय तक सख्त टूल पास होने या लम्बी कब्ज रहने से ये गंभीर रूप ले लेते है जो दर्दनाक समस्या का कारण बनते है इस स्थिति को ही एनल फिशर कहा जाता है

कई मामलों में देखा गया है कि उन दरारों में घाव बन जाते हैं और उन घावों से खून बहने लगता है। कई बार देखा गया है कि लोग फिशर के लक्षणों को बवासीर के लक्षण समझ लेते हैं, जिससे इलाज में देरी हो जाती है और स्थिति गंभीर हो जाती है। अगर आपको फिशर की समस्या है और आप इससे ज़्यादा परेशान हैं, तो आइए और फेलिक्स हॉस्पिटल में इसके कारणों को जानें।

एनल फिशर के कारण (Anal Fissure Ke Karan)

यह समस्या अचानक से पैदा नहीं होती है, कुछ सबसे सामान्य कारण हैं( Anal Fissure Causes in Hindi):

  • पुरानी कब्ज, कठोर मल के कारण गुदा फट जाता है। अगर आप कब्ज को दूर नहीं करते हैं तो परेशानी बढ़ जाती है।
  • दस्त बार-बार दस्त होने से भी दरारें पड़ सकती हैं।
  • गर्भावस्था और प्रसव: यह प्रसवोत्तर दरार दर्द के कारण हो सकता है।
  • कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ: कम फाइबर खाने से मल कठोर हो जाता है।
  • गुदा मैथुन या चोट: और कभी-कभी यही कारण होता है।

 

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एनल फिशर के लक्षण (Symptoms of Anal Fissure in Hindi)

एनल फिशर के लक्षणों ( Anal fissure k lakshan) में गुदा या आसपास की त्वचा की परत का फटना या कटना शामिल है। साथ ही, इस समस्या के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, 

  • मल त्याग के दौरान और बाद में तेज चुभने वाला दर्द, जो कभी-कभी मिनटों से लेकर घंटों तक रह सकता है
  • गुदा के पास जलन या खुजली होना
  • टॉयलेट पेपर या बर्तन में चमकीले लाल खून का दिखना

यदि आपको मल त्याग करते समय ताजा खून, जलन और तेज दर्द दिखाई दे रहा है, और पीठ के पास कट जैसी हल्की सी लकीर महसूस हो रही है – तो यह बवासीर (बवासीर) नहीं, बल्कि एनल फिशर हो सकता है।

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एनल फिशर ठीक होने के लक्षण

  • दर्द और सूजन से राहत मिलने लगती है ।
  • मल त्याग की नियमितता में सुधार दिखने लग जाता है। 
  • दरार के चारों ओर चिकनी त्वचा का दिखना शुरु हो जाता है ।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उपचार का समय दरार की गंभीरता और व्यक्तिगत कारकों के आधार पर  अलग- अलग हो सकती है। उपचार प्रक्रिया में सहायता के लिए किसी भी निर्धारित उपचार को जारी रखने, फाइबर युक्त आहार का पालन करने, हाइड्रेटेड रहने और अच्छी गुदा स्वच्छता का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है।

एनल फिशर का घरेलु इलाज (Anal Fissure Ka Ilaj Ghar Par)

कुछ मामलों में ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती। शुरुवाती कम गंभीर मामलो में आप निम्न लिखित घरेलू उपाय आजमा सकते है :

  1. सीट्ज़ बाथ (गर्म पानी में बैठना)

  दिन में 3-4 बार 10-15 मिनट तक गर्म पानी में कूल्हे तक बैठें। दर्द और सूजन कम करता है।

  1. हाई फाइबर डाइट और पानी

रोज 25-30 ग्राम फाइबर: ओट्स, फल, सब्जी, इसबगोल। 3-4 लीटर पानी पिएं ।

  1. क्रीम और मलहम

निफेडिपाइन क्रीम या लिडोकाइन जेल – दर्द में राहत (डॉक्टर से लें)।

नाइट्रोग्लिसरीन मलहम – घाव भरने के लिए (Best Cream for Anal Fissure)।

  1. मल नरम करने की दवा

लैक्टुलोज या क्रेमाफिन सिरप – मल को मुलायम बनाता है।(डॉक्टर से लें)

  1. जोर लगाने से बचें

टॉयलेट में ज्यादा देर न बैठें, मोबाइल न चलाएं!

डॉक्टर को कब दिखाएं? (Kab Doctor Se Milna Chahiye)

जब भी निचे दिय गए गंभीर लक्षण महसूस हो आपको सबसे अच्छी हॉस्पिटल  Rungta hospital, Jaipur के एक्सपर्ट डॉक्टर्स से मिल लेना चाहिए लापरवाही न बरते ऐसे मामलो में:-

  •  अगर 2-3 हफ्ते में आराम न मिले, या: बहुत खून आ रहा हो 
  • बुखार या इन्फेक्शन के लक्षण 
  • दर्द असहनीय

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. एनल फिशर कितने दिनों में ठीक हो जाती है?

    एनल फिशर के ठीक होने का समय अलग-अलग हो सकता है, लेकिन अधिकांश दरारें उचित देखभाल और उपचार से कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों के भीतर ठीक हो जाती हैं। यदि लक्षण बने रहते हैं या दरार उचित समय के भीतर ठीक नहीं होती है, तो आगे के मूल्यांकन और उपचार विकल्पों के लिए जयपुर की सबसे अच्छी हॉस्पिटल ( Best Hospital in Jaipur) के किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।

  2. एनल फिशर में क्या खाएं?

    एनल फिशर के मामलों में, ऐसे आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण है जो नरम और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है, जिससे गुदा क्षेत्र पर तनाव कम होता है। फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और फलियाँ जैसे उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें। खूब सारे तरल पदार्थ और पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना सुनिश्चित करें।
    इसके अतिरिक्त, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे फैटी मछली, चिया बीज और अखरोट शामिल करें, क्योंकि इनमें सूजन-रोधी गुण होते हैं। मसालेदार भोजन, कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये लक्षण खराब कर सकते हैं। हालाँकि, व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर व्यक्तिगत आहार संबंधी मार्गदर्शन के लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित है।