पीलिया (piliya), जिसे इंग्लिश भाषा में जॉन्डिस (Jaundice) कहा जाता है, यह एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें बिलीरुबिन नामक एक पिगमेंट के रक्त में अत्यधिक मात्रा में जमा हो जाने के कारण त्वचा , आंखों का सफेद हिस्सा और नाखून का रंग पीला होने लगता है।
इससे शरीर में परेशानी बढ़ने लग जाती है और समय पर इलाज नही लिया तो लिवर कमजोर होने लगता है, जिससे ये सामान्य सी दिखने वाली बीमारी भयंकर रूप ले लेती है । इसलिए समय पर अच्छे डॉक्टर से सलाह ले जिससे समय रहते सही इलाज मिल सके ।
पीलिया नवजात शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक किसी भी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। इस ब्लॉग में हम पीलिया के लक्षण, कारण, निदान और उपचार (jaundice symptoms, causes and treatment in hindi) के बारे में विस्तार से जानेंगे।
पीलिया का सबसे सामान्य लक्षण हैं त्वचा और आंखों का पीला होना। इसके अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं:
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बिलीरुबिन पीले रंग का जो पदार्थ होता है, वह रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है और ज़ब मृत कोशिकाये बन जाती है तो लिवर इन्हे रक्त से फ़िल्टर करने का काम करता है। ज़ब यह प्रकिया ठीक से नही हो पाती तो बिलरूबीन का स्तर बढ़ जाता है और धीरे धीरे लिवर काम करना कम क़र देता है।
पीलिया(Jaundice) के काफ़ी कारण हो सकते हैं, जिनमे मुख्यतः तीन कारण निम्न हैं:
पीलिया (piliya) का निदान कई तरीकों से किया जा सकता है, जिसमें शामिल हैं:
जैसे हीं पीलिया(Jaundice) के लक्षण दिखे सबसे पहले जाँच करवाए जिसके लिए अच्छे डॉक्टर के पास जाकर जो लक्षण है वो सही से बताये उनको और इसके अतिरिक्त लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Test), बिलीरुबिन स्तर और कंपलीट ब्लड काउंट (CBC) टेस्ट भी करवाए ।
पीलिया का जो इलाज है वो उसके होने वाले कारणों पर निर्भर करता है । यहाँ कुछ सामान्य उपचार विकल्प हैं:
नवजात शिशुओं में पीलिया एक सामान्य चिकित्सीय स्थिति है, जिसे नवजात पीलिया भी कहा जाता है। यह सामान्यतः जन्म के पहले सप्ताह में देखा जाता है और अधिकतर मामलों में यह अपने आप हीं समान्य देखभाल से ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में, इलाज की आवश्यकता हो सकती है:
पीलिया(Jaundice) एक सामान्य से दिखने वाली एक ऐसी चिकित्सीय स्थित है अगर समय पर उसे पर ध्यान नहीं दिया जाए तो वह बहुत ही गंभीर रूप ले सकती है, जिसमें जान भी जाने की संभावना रहती है। सही निदान और उचित उपचार से पीलिया को ठीक किया जा सकता है और इसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
इसलिए जैसे ही पीलिया के लक्षण दिखे तुरंत एक अच्छे जनरल फिजिशियन (Best General Physician in Jaipur) से सम्पर्क करे और साथ ही साथ अच्छा आहार ले जिससे पीलिया को बढ़ने से रोका जा सके और शरीर में नुकसान कम हो।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीलिया का इलाज सिर्फ डाइट चेंज से नहीं हो सकता है। इस स्थिति के इलाज के लिए डाइट एक सहायक इलाज के विकल्प के तौर पर मदद कर सकता है। पीलिया का सामान्य स्तर लगभग 0.2 – 1.0 mg/dL है। यदि रिपोर्ट में यह स्तर 1.0 mg/dL से ऊपर आ जाए, तो तुरंत परामर्श लें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।
नोट:- Rungta Hospital के पास अच्छे और अनुभवी चिकित्स्कों क़ी टीम है जो आपको ऐसी कंडीशन में सही इलाज और जानकारी देने में आपकी मदद क़र सकती है